पटना | महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का गुरुवार को लम्बे समय से चलते बीमारी के कारण पटना के पीएमसीएच हॉस्पिटल मे उनका निधन हो गया | वशिष्ठ नारायण सिंह के मौत के बाद पटना के हॉस्पिटल की बहुत बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। जहा दुनिया भर मे चर्चित गणितज्ञों के महान नारायण सिंह जी के अस्पताल मे मृत्यु के बाद उनके लिए एम्बुलेन्स के लिए भी काफी लम्बा इंतजार करना पड़ा। वशिष्ठ बाबू के निधन पर जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दुख जताया है और उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी।
सापेक्षता के सिद्धांत को चुनौती
वशिष्ठ नारायण सिंह ने महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत को चुनौती दी थी ! उनके बारे मे ये भी कहा जाता है कि नासा मे अपोलो के लांचिंग होने के दौरान अचानक से ही वहा के 31 कंप्यूटर अपने आप कुछ देर के लिए बंद हो गए थे ! फिर उस वक्त कंप्यूटर के ठीक होने पर उनका और कंप्यूटर की गणना एक सा साबित हुआ।
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महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह ने 1969 में कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी मे पीएचडी डिग्री से अपनी उच्च शिक्षा ग्रहण की उसके बाद वो वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में सहायक अध्यापक बन गए ! उन्होंने नासा जैसे मे भी बहुत लम्बे समय तक काम किया है।
मृत्यु प्रमाण पत्र देकर झाड़ा अपना पल्ला
निधन के बाद पीएमसीएच प्रशासन द्वारा केवल डेथ सर्टिफिकेट देकर अपना पल्लू सीधा कर लिया ! इसके बाद मीडिया के सामने होने पर वरिष्ठ नारायण सिंह के छोटे भाई का कहना है कि हम अपने भाई का शव अपने खुद के पेसो के दम पर गांव ले जायेंगे ! हमे किसी का एहसान नहीं चाहिए ! और उन्होंने कहा की जब से मेरे भाई की मृत्यु की खबर सामने आई है ! तब से न तो कोई नेता आया और न ही कोई राजनेता सामने आया ! वशिष्ठ नारायण सिंह के छोटे भाई ने कैमरे के सामने रोते हुए कहा कि अंधे के सामने रोना, अपने दिल का खोना ! उन्होंने कहा कि मेरे भाई के साथ लगातार अनदेखी हुई है ! जब एक मंत्री के कुत्ते का पीएमसीएच में इलाज हो सकता है तो फिर मेरे भाई का क्यों नहीं।