दिल्ली | अयोध्या फैसले पर बोले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का कहना है ! कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरह हम भी फैसले से सहमत नहीं है ! साथ ही मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ओवैसी ने ये कहकर मानने से इनकार कर दिया ! कि हम खैरात की जमीन नहीं ले सकते ! हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यह उनका निजि विचार है ! मगर सुन्नी बक्फ बोर्ड को इसका फैसला लेना है कि वह इस जमीन के प्रस्ताव को मानते हैं या नहीं।
अयोध्या पर राम मंदिर फैसला लेने के बाद
हमें ‘खैरात’ नहीं चाहिएः ओवैसी
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले को लेकर अपना बयान दिया की मै वकीलों को दिल से शुक्रिया कहना चाहता हूँ ! मैं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की इस बात से सहमत हूं कि सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम है ! लेकिन वह अचूक नहीं है ! मुस्लिम समाज ने अपने वैधानिक हक के लिए संघर्ष किया ! हमें ‘खैरात’ की जरूरत नहीं है. ये मेरा निजी तौर पर मानना है कि हमें 5 एकड़ जमीन के ऑफर को वापस लौटा दिया जाना चाहिए और उन्होंने कहा की हिंदुस्तान का मुस्लिम इतना भी गिरा हुआ नहीं है की वो 5 एकड़ की जमीन को भीख मे ले लेंगे ! अगर हम यही मस्जिद के नाम जमीं मांगे तो न जाने कितने एकड़ जमीन यही मिल जाएगी हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं है।
असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि मे सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से संतुष्ट नहीं हु और एक भारत का नागरिक होने के नाते हमारा ये अधिकार है की सुप्रीम कोर्ट के फैसले से असंतुष्टि जाता सकू ! क्या इस भारत देश मे मुस्लिम को बोलने का हक़ नहीं है ! ये एक हिन्दुराष्ट्र की तरफ भारत देश जा रहा है ! जो मे बिलकुल नहीं देख सकता।
ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा,
“जिन्होंने बाबरी मस्जिद को गिराया था ! आज उन्हीं को सुप्रीम कोर्ट कह रहा है कि आप ट्रस्ट बनाकर वहां मंदिर बनाने का काम शुरू करें ! मेरा कहना है कि अगर बाबरी मस्जिद नहीं गिराई जाती है तो आज सुप्रीम कोर्ट क्या फैसला देता ?”
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